ग़र देना ही है कुछ... मुझे तो वही पुराना सा इश्क़ देना, बस वही हमारा सा इश्क़ देना। ग़र देना ही है कुछ... मुझे तो वही पुराना सा इश्क़ देना, बस वही हमारा सा इश्क़...
एहसास से लिपटे थे ख्वाहिशों की दुनिया ये उन दिनों का प्यार था। एहसास से लिपटे थे ख्वाहिशों की दुनिया ये उन दिनों का प्यार था।
ये कविता कवि को अपने उन पुराने यादों में ले जाती जिसमें वो अपने आस पास पुरानी चीजों में अपने अतीत के... ये कविता कवि को अपने उन पुराने यादों में ले जाती जिसमें वो अपने आस पास पुरानी ची...
बेवजह की चिंता छोड़कर, बुढ़ापे का मज़ा लीजिये। बेवजह की चिंता छोड़कर, बुढ़ापे का मज़ा लीजिये।
गैरों पर भरोसा करूँ भी तो कैसे, जब मुझको मेरे अपने ही ठगने लगते है...! गैरों पर भरोसा करूँ भी तो कैसे, जब मुझको मेरे अपने ही ठगने लगते है...!
कुरुपता में रुपता, भी होती है कहीं, तुमको बस सोचना, है देखना कहाँ...! कुरुपता में रुपता, भी होती है कहीं, तुमको बस सोचना, है देखना कहाँ...!